Masood Azhar |
मसूद अज़हर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का स्थापक और नेता
है। जैश-ए-मोहम्मद जिसे संक्षेप में जैश भी कहते हैं पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सक्रिय एक आतंकी
संगठन है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारत में हुए पठानकोट
हमले के बाद उसे हिरासत
में ले लिया था। भारत ने मसूद अजहर को उसकी
आतंकी गतिविधियों की वजह से उसे अपने सबसे वांक्षित आतंकवादियों की सूची में रखा हुआ
है।
शुरुवाती जीवन
अज़हर का
जन्म बहावलपुर, पाकिस्तान
में १० जुलाई १९६८ को हुआ था। उसके ९ अन्य भाई-बहन थे। कुछ
स्त्रोतों के अनुसार वो उसे ७ अगस्त, १९६८ को
पैदा हुआ ११ से तीसरा बच्चा मानते है। अज़हर का
पिता, अल्लाह बख्श शब्बीर एक सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक
थे। उसका परिवार डेयरी और पॉल्ट्री का व्यवसाय करती थी। अज़हर ने बानुरी नगर, कराची के जामिया
उलूम उल इस्लामिया नामक मदरसे में शिक्षा प्राप्त की जहाँ उसका
सम्पर्क हरकत-उल-अंसार से हुआ।
जल्द ही अज़हर को हरकत की उर्दू भाषा की
पत्रिका साद-ए-मुजाहिद्दीन और अरबी भाषा की
सावत-ए-कश्मीर का संपादक बना दिया गया।
बाद में अज़हर
हरकत-उल-अंसार का मुख्य सचिव (जनरल सेक्रेटरी) बन गया और नई भर्तियाँ करने, चंदा
इकट्ठा करने और वृहद इस्लामी गणराज्य(कैलिफेट)
का प्रचार-प्रसार करने के लिये देश-विदेश की यात्राएँ करने लगा। इस संदर्भ में
उसने ज़ाम्बिया, अबु धाबी, सऊदी अरब, मंगोलिया, यूनाइटेड
किंगडम और अल्बानिया की
यात्राएँ कीं।
सोमालिया में गतिविधियाँ
अज़हर ने
यह माना था कि १९९३ में वो अल कायदा के
सोमालियाई समर्थक संगठन अल-इतिहाद-अल-इस्लामिया के नेताओं
से मिलने नैरोबी, केन्या
गया था। अल-इस्लामिया ने अज़हर के संगठन हरकत-उल-मुजाहिद्दीन से अपनी गतिविधियों
के लिये पैसे और कार्यकर्ता माँगे थे। भारतीय गुप्तचर अधिकारियों के अनुसार वो कम
से कम तीन बार गृह-युद्ध से त्रस्त देश सोमालिया जा चुका
था।
1994 गिरफ़्तारी – 1999 छूटना
शुरुवाती 1994 में, अज़हर हरकत-उल-अंसार के समर्थक हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी और अह्रकत-उल-मुजाहिद्दीन के बीच
खराब होते रिश्तों को सुधारने श्रीनगर आया। भारत ने
उसे फरवरी में गिरफ़्तार करके उसकी आतंकी गतिविधियों की वजह से उसे जेल में डाल
दिया।
1995 में, जम्मू और
कश्मीर में कुछ विदेशी पर्यटक अगवा हो
गये। अपहर्ता जो स्वयं को अल-फरान कह के बुलाते थे पर्यटकों को छोडने की एवज़ में
अज़हर की रिहाई मांग रहे थे। एक अपहृत
पर्यटक भागने में कामयाब रहा लेकिन बाकी सभी की अंतत: आतंकवादियों ने हत्या कर दी।
दिसम्बर 1999 में उसे भारत की
सरकार के द्वारा अपहृत विमान इण्डियन
एयरलाइन्स फ्लाइट ८१४ के यात्रियों के बदले छोड़ दिया गया। आईसी
८१४ नामक विमान का अज़हर समर्थकों ने अपहरण कर लिया था और उसे कंधार, अफगानिस्तान ले गये थे
जहाँ उस समय तालिबान का शासन
था। मसूद अज़हर को २ अन्य आतंकियों के साथ कंधार ले जा कर छोड़ दिया गया। आईसी ८१४
के अपहर्ताओं की टोली को अज़हर का भाई इब्राहिम अतहर नेतृत्व कर रहा था। अज़हर को जम्मू की कोट
भलवाल कारावास से निकाल कर कंधार ले जाया गया। उसके छोटे
भाई अब्दुल रऊफ़ असगरने इस अपहरण की योजना बनाई
थी। अपहरताओं को सौंपे जाने के बाद मसूद अज़हर पाकिस्तानी सीमा में चला गया।
पाकिस्तान ने कहा कि अगर उसकी सीमा में पाए जाते हैं तो अपहर्ताओं को गिरफ्तार
किया जायेगा। हालांकि ऐसा कभी नहीं हुआ। पाकिस्तान
की सरकार ने पहले इस बात के संकेत दिये थे कि अज़हर को
पाकिस्तान में उसके घर आने की इज़ाजत दी जायेगी क्योंकि वहाँ उस पर कोई मुकदमा
नहीं चल रहा है।
अपने
छूटने के कुछ ही समय बाद अज़हर ने कराची में
संभवत: १०,००० लोगों की एक सभा को संबोधित किया। उसने वहाँ भारत
प्रशासित कश्मीर को आज़ाद कराने की भी कसमें खाते हुए कहा कि, मैं यहाँ
इसलिये आया हूँ क्योंकि आपको यह बताना मेरा काम है कि मुस्लिमों को तब तक चैन से
नहीं बैठना चाहिये जब तक वो हिन्दुस्तान को तबाह ना कर दें।
"I have come here because
this is my duty to tell you that Muslims should not rest in peace until we have
destroyed India," vowing to liberate the Kashmir region from Indian
rule.
मौत की ख़बर
मौलाना की
मौत की ख़बर भी खूब चर्चा का विषय रही हैं। भारतीय वायुसेना के द्वारा पाकिस्तान
स्थित उसके आतंकी अड्डों पर हमला करने में मसूद अजहर की भी मौत हो गई। परन्तु अभी
इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
Note- All Information Are Collected From - WikiPedia
EmoticonEmoticon